Friday, March 5, 2010

Morning Prayer

वह शक्ति हमें दो दयानिधि
कर्तव्य मार्ग पर डट जाये
पर सेवा पर उपकार में हम
निज जीवन सफल बना जाये

हम दीन दुखी निबलो विकलो
के सेवक बन संताप हरे
जो हैं भूले भटके बिछुड़े
उनको तारे खुद तर जाये

छल द्वेष दंभ पाखण्ड झूठ
अन्याय से निष् दिन दूर रहे
जीवन हो शुद्ध सरल अपना
शुची प्रेम सुधा रस बरसाए

निज आन मान मर्यादा का
प्रभु ध्यान रहे, अभिमान रहे
जिस देश भूमि पर जनम लिया
बलिदान उसी पर हो जाये

वह शक्ति हमें दो दयानिधि
कर्तव्य मार्ग पर डट जाये
पर सेवा पर उपकार में हम
निज जीवन सफल बना जाये

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