वह शक्ति हमें दो दयानिधि
कर्तव्य मार्ग पर डट जाये
पर सेवा पर उपकार में हम
निज जीवन सफल बना जाये
हम दीन दुखी निबलो विकलो
के सेवक बन संताप हरे
जो हैं भूले भटके बिछुड़े
उनको तारे खुद तर जाये
छल द्वेष दंभ पाखण्ड झूठ
अन्याय से निष् दिन दूर रहे
जीवन हो शुद्ध सरल अपना
शुची प्रेम सुधा रस बरसाए
निज आन मान मर्यादा का
प्रभु ध्यान रहे, अभिमान रहे
जिस देश भूमि पर जनम लिया
बलिदान उसी पर हो जाये
वह शक्ति हमें दो दयानिधि
कर्तव्य मार्ग पर डट जाये
पर सेवा पर उपकार में हम
निज जीवन सफल बना जाये
I`v hrd this one somewere... St. Pauls?!?!
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