कपडे हो गए छोटे, शर्म कहाँ से हो ।
अनाज हो गया रासायनिक, स्वाद कहाँ से हो ।
भोजन हो गया डालडा का , ताकत कहाँ से हो ।
नेता हुआ कुर्सी का, देश्मुखी कहाँ से हो ।
फूल हुए प्लास्टिक के, खुशबु कहाँ से हो ।
चेहरा हुआ मेकअप का, रूप कहाँ से हो ।
शिक्षक हुए टयूशन के, विद्या कहाँ से हो ।
प्रोग्राम हुए चैनल के , संस्कार कहाँ से हो ।
इंसान हुआ पैसों का , दया कहाँ से हो ।
पानी हुआ केमिकल का, गंगाजल कहाँ से हो ।
संत हुए स्वार्थ के, सत्संग कहाँ से हो ।
भक्त हुए स्वार्थ के, भगवान कहाँ से हो ।